नव वर्ष मंगलमय हो,
नए साल की तुम्हे बधाई, रहे मुबारक यह महगई !
सबको नूतन शाल मुबारक, महगी शब्जी दाल मुबारक !
बोनस और पगार मुबारक, टैक्स की भरमार मुबारक !
तुम्हे मुबारक पाकेट खली, उन्हें मुबारक दौलत काली !
उनको फुले गाल मुबारक, तुमको सुखी खाल मुबारक !
जाड़ा लगता नहीं रजाई, अगर पैर मै फटी विवाई !
चिंता मत कर साल नया है, यह सारा जंजाल नया है !
नए साल के ख़ुशी मना ले, भूख लगे तो गाना गा ले ! आज दिन रविवार दिनाक:- १/१/२०१२ को सुबह सुबह पापा ने नए शाल पर अपने लिखे हुए डायरी मै से (कवीर चौरा) पड़ रहे थे तो मुझे अछा लगा और मै आप के सामने रख दिया .....
नवीन कुमार