Wednesday, August 18, 2010

चंदन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है
हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है || ध्रु || हर शरीर मंदिर सा पावन हर मानव उपकारी है
जहॉं सिंह बन गये खिलौने गाय जहॉं मॉं प्यारी है
जहॉं सवेरा शंख बजाता लोरी गाती शाम है || 1 ||जहॉं कर्म से भाग्य बदलता श्रम निष्ठा कल्याणी है
त्याग और तप की गाथाऍं गाती कवि की वाणी है
ज्ञान जहॉं का गंगाजल सा निर्मल है अविराम है || 2 ||जिस के सैनिक समरभूमि मे गाया करते गीता है
जहॉं खेत मे हल के नीचे खेला करती सीता है
जीवन का आदर्श जहॉं पर परमेश्वर का धाम है || 3
नवीन कुमार

Wednesday, August 11, 2010

हैप्पी Independence डे......

आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे, शहीदों की कुर्वानी बदनाम नहीं होने देंगे, बची हो जो एक बूँद भी गरम लहू की तब तक भारत माता का आँचल नीलम नहीं होने देंगे .... हैप्पी Independence डे......

नवीन कुमार