Tuesday, June 15, 2010

orkut - My scrapbook

जय सरस्वती माँ, यह सब सीखना ही धर्म शिक्षा है है
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* जैसा व्यवहार आप दूसरो से अपने लिए नहीं चाहते वैसा व्यवहार आप दूसरो के साथ न करे
* आप नहीं चाहते की आप से कोई घृणा करे, आप भी दूसरो से घृणा मत करो
* आप नहीं चाहते की आप से कोई झूठ बोले, आप भी किसी से झूठ न बोले
* आप नहीं चाहते की आप को कोई धोखा दे, आप भी किसी को धोखा न दे
*आप नहीं चाहते की कोई आप के साथ बईमानी, आप भी किसी के साथ बईमानी मत करो
* आप नहीं चाहते की आप को कोई सताए, आप भी किसी को मत सतायो
मुझे खुसी नहीं की मै अमीर हू, मुझे खुसी नहीं की मै गरीब हू
हर खुसी से बढकर यह खुसी है मुझे, आज मै खुदा के सबसे करीब हू
जय सरस्वती माँ, यह सब सीखना ही धर्म शिक्षा है है
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* जैसा व्यवहार आप दूसरो से अपने लिए नहीं चाहते वैसा व्यवहार आप दूसरो के साथ न करे
* आप नहीं चाहते की आप से कोई घृणा करे, आप भी दूसरो से घृणा मत करो
* आप नहीं चाहते की आप से कोई झूठ बोले, आप भी किसी से झूठ न बोले
* आप नहीं चाहते की आप को कोई धोखा दे, आप भी किसी को धोखा न दे
*आप नहीं चाहते की कोई आप के साथ बईमानी, आप भी किसी के साथ बईमानी मत करो
* आप नहीं चाहते की आप को कोई सताए, आप भी किसी को मत

Monday, June 14, 2010

ज्ञान जय सरस्वती माँ
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आवश्यकता सभी बुराइयो का जड़ है, इसलिए जो मिलता है उसी मै खुश रहना चाहिए सफलता का पूंजी ईमानदारी है .........

Saturday, June 12, 2010

nses

ज्ञान ( जय सरस्वती माँ ) जो व्यक्ति दुःख का सामना करने से डरता है, उसे सुख का आशा नहीं करना चाहिए.......

Wednesday, June 9, 2010

(न्यू सवेरा एजुकेशनल सोसाइटी)

ज्ञान -जय सरस्वती माँ (न्यू सवेरा एजुकेशनल सोसाइटी)
खुद कमाओ खुद खाओ यह मानव की प्रकृति है
कमाओ नहीं छीन कर खाओ यह मानव की विकृति है
खुद कमाओ दूसरो को खिलाओ यही हमारी संस्कृति है
नमस्कार
नवीन कुमार

Sunday, June 6, 2010

जय साईं राम, रंग अलग है रूप अलग है भाव सब मै एक है, घाट अलग है लहरे अलग है जल तो सब मै एक है, प्रेम की भाषा अलग -अलग है प्रेम तो सब मै एक है, सोच तो सबके अलग अलग है पर ज्ञान सबमे के है, हम करते साईं का सुकराना अलग -अलग है पर सब का मालिक एक है (न्यू सवेरा एजुकेशनल सोसाइटी)........नवीन कुमार
जय सरस्वती माँ, ज्ञान दर्शन - शब्द-भज सेवायाम् धातु से बना है ...... केले को खाकर छिलके को फेख देना यह ज्ञानमार्ग है, परन्तु केले को खाकर छिलके को किसी गौ को खिला देना यह भक्ति है ! (न्यू सवेरा एजुकेशनल सोसाइटी)
नवीन कुमार
जय सरस्वती माँ, इस (एन.जी.ओ) के वास्तुकार आप है आप के मेहनत लगन और आप के आशीर्वाद से NSES का सफ़र का दिन उदय हुआ है सब्दो मै यह आभार व्यक्त करना कठिन है
(न्यू सवेरा एजुकेशनल सोसाइटी) के और से आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार
नवीन कुमार

Thursday, June 3, 2010