जय साईं राम, रंग अलग है रूप अलग है भाव सब मै एक है, घाट अलग है लहरे अलग है जल तो सब मै एक है, प्रेम की भाषा अलग -अलग है प्रेम तो सब मै एक है, सोच तो सबके अलग अलग है पर ज्ञान सबमे के है, हम करते साईं का सुकराना अलग -अलग है पर सब का मालिक एक है (न्यू सवेरा एजुकेशनल सोसाइटी)........नवीन कुमार
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