Sunday, June 6, 2010

जय साईं राम, रंग अलग है रूप अलग है भाव सब मै एक है, घाट अलग है लहरे अलग है जल तो सब मै एक है, प्रेम की भाषा अलग -अलग है प्रेम तो सब मै एक है, सोच तो सबके अलग अलग है पर ज्ञान सबमे के है, हम करते साईं का सुकराना अलग -अलग है पर सब का मालिक एक है (न्यू सवेरा एजुकेशनल सोसाइटी)........नवीन कुमार

No comments:

Post a Comment